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डेंगू बुखार के लक्षण कारण व निवारण जाने हिंदी में

Posted By siddhika tiwari on 13 Sep 2022

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‘डेंगू बुखार’ हो सकता है आप की अंतिम घड़ी का कारण जल्द ही हो जाए डेंगू बुखार हो सकता है आप की अंतिम घड़ी का कारण जल्दी हो जाए सतर्क

विशेष जानकारी : ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रों  में मच्छर के काटने से होने वाला रोग है - डेंगू बुखार

डेंगू बुखार में देरी जानलेवा सिद्ध हो सकती है इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है समय से लक्षणों की पहचान करना यदि लक्षण नजर आ रहे हैं तो बिना समय बेकार किए चिकित्सक से संपर्क करें डेंगू के मरीजों का खाना-पानी पर ध्यान देना अति आवश्यक है|

मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है इन मच्छरों को ‘एडीज मच्छर’ कहते हैं जो काफी ढीठ वा साहसी मच्छर है और दिन में भी काटते हैं भारत में यह रोग बरसात के मौसम में तथा उसके तुरंत बाद महीनों (अर्थात जुलाई से अक्टूबर)में सबसे अधिक होता है|

कैसे आता है डेंगू बुखार :   डेंगू बुखार एक फ्लू जैसी बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है यह तब होता है जब वायरस वाला ‘एडिज मच्छर’ किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है| यह रोग मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है | डेंगू बीमारी का प्रकोप बरसात के मौसम में अधिक सामने आता है इस बीमारी के गंभीर मामलों में ब्लड प्लेटलेट तेजी से गिरना शुरू हो जाती हैं| एशिया से  भारत और चीन का नाम शामिल है भारत में हर साल की हजारों की तादाद में डेंगू मरीजों की पुष्टि होती है|

समय से पहचान है जरूरी जानते हैं डेंगू के लक्षण

जब डेंगू बुखार की चपेट में कोई आता है तो विशेष लक्षण प्रदर्शित होने लगते हैं - तेज बुखार , सिर दर्द और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल |  गंभीर मामलों में, गंभीर रक्तस्राव और सदमे की स्थिति हो सकती है जो जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है |

दर्द के साथ - आंखों का पिछला हिस्सा , जोड़ , पीठ , पेट , मांसपेशी या हड्डियां आदि| ठंड लगना , थकान , बुखार या भूख ना लगना , उल्टियां , त्वचा पर चकत्ते  , लाल धब्बे पड़ना |

डेंगू बुखार से बचाव : डेंगू बुखार से बचने का प्रमुख उपाय यह है कि मच्छरों से दूर रहें |

कीट विकर्षक का प्रयोग करें , लंबी बाजू की शर्ट और लंबी पेंट पहने और अपने घर के अंदर और बाहर मच्छरों को नियंत्रित करें |

डेंगू के इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है डेंगू के टीके को 9 से 16 वर्ष के लिए अनुमोदित किया गया है इसमें पिछले डेंगू वायरस संक्रमण के प्रयोगशाला-पुष्टि प्रमाण है |

अपने घर के अंदर और बाहर मच्छरों को ना पनपने दें घर के दरवाजे और खिड़कियों को कोशिश करें बंद ही रखें और खिड़कियों में यदि छेद है तो मरम्मत करें और घर में साफ सफाई बनाए रखें बाहर कूड़ा कचरा ना फेंके |

डेंगू के मरीजों के लिए डाइट : डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट अधिक मात्रा में घटने रखती है इसलिए बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए काफी अच्छा माना जाता है और पपीते का पत्ता भी डाइट में शामिल कर सकते हैं जो प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में काफी ज्यादा फायदेमंद होता है  हरे पत्तों की सब्जी का सेवन लाभदायक सिद्ध होता है और पानी की कमी कदापि ना होने दें इसलिए पानी का अधिक सेवन करें | जूस , नारियल पानी आदि और तला-भुना मसालेदार से परहेज करें |

 

 

 

 

 

 

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