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थायराइड क्या है what is thyroid in hindi

Posted By siddhika tiwari on 04 Oct 2022

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थायराइड (thyroid)

कहीं आप जाने अनजाने में शिकार तो नहीं हो रहे इस समस्या के -

पहले जानते हैं कि आखिर थायराइड है क्या?

थायराइड एक प्रकार की ग्रंथि होती है जो गले में सामने की तरफ होती है जो तितली के आकार की होती है या ग्रंथि हमारे खाए हुए भोजन को ऊर्जा में बदलने का कार्य करती है हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है| थायराइड को साइलेंट किलर भी कहते हैं क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण में हमें इस रोग का एहसास नहीं हो पाता है, जब यह रोग चरण सीमा पर पहुंचे लगता है तब चिकित्सक द्वारा इस रोग का पता चल जाता है थायराइड टी3(ट्राईआइडोथायरोनिन)और टी 4(थायरोक्सिन)हार्मोन का निर्माण करता है हार्मोन दिल की धड़कन, सांसे , शरीर का ताप, पाचन तंत्र, हड्डियों एवं कैस्ट्रॉल को संतुलित रखने में मददगार है जब यह हार्मोन असंतुलित होते हैं तब थायराइड समस्या होती है पुरुषों की तुलना में थायराइड की शिकार महिलाएं ज्यादा है।

थायराइड समस्या के कारण

• अधिक तनावपूर्ण जीवन जीने से थायराइड हार्मोन(Thyroid harmone)की सक्रियता पर असर पड़ता है।

• थायराइड की समस्या की पिट्यूटरी  ग्रंथि के कारण भी होती है।

• आहार में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा होने से थायराइड ग्रंथियां विशेष रूप से प्रभावित होती हैं।

 • थायराइड से ग्रंथि मरीजों को थायराइड फंक्शन टेस्ट करना चाहिए।

• रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म का रुकना है यह अवधि के दौरान, मादा हार्मोन का स्राव धीरे-धीरे घटता है जिसे बांझपन और कुछ शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन होते हैं) में आसमानता की थायराइड का कारण है।

• थायराइड रोग अनुवांशिक में हो सकता है।

• थायराइड का एक कारण गर्भावस्था भी है जिसमें प्रस्वोत्तर अवधि(postpartum period){प्रसव (डिलीवरी)के उपरांत पहले छह हफ्तों को प्रस्वोत्तर अवधि  माना जाता है इसमें पहले 2 दिन और बाद का एक सप्ताह मां तथा शिशु के स्वास्थ्य और जीवन के लिए बहुत संकटकालीन होता है इसके दौरान मां और नवजात शिशु के लिए प्राणघातक और मरणासन्न समस्या पैदा होती है} भी शामिल है गर्भावस्था स्त्री के जीवन में बड़े पैमाने पर शारीरिक परिवर्तन लाता है और वह बहुत तनावग्रस्त रहती है।

• दवाओं को प्रतिकूल प्रभाव (साइड इफेक्ट)

• ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है यह रोक थायराइड ग्रंथि से थायराइड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण होता है।

थायराइड समस्या के लक्षण

पुरुषों में थायराइड समस्या के लक्षण -

• भूख बढ़ना ,बहुत अधिक पसीना आना, शरीर में सूजन, दर्द शरीर में मांसपेशियों में बने रहना।

 बहुत जल्दी थक जाना, तनाव, सोने में समस्या और तकलीफ होना , चिड़चिड़ापन,मूड बदलना, व्यवहार में होने वाले बदलाव thyroid का संकेत हो सकते हैं।

 महिलाओं में थायराइड समस्या के लक्षण -

 वजन बढ़ना, आवाज कर्कश होना, चीजें याद ना रहना, कमजोरी महसूस करना, त्वचा का शुष्क होना, कब्ज़, थकावट, बार-बार और भारी मासिक धर्म होना,कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना, मांसपेशियों में दर्द होना, दिल की धड़कन धीमी होना, कुछ मामलों में डिप्रेशन (अवसाद )होना।

 कुछ मामलों में थायराइड के लक्षण दूसरी बीमारियों होने के कारण हो सकते हैं इसके कुश्ती के लिए डॉक्टर कुछ जांच करवाते हैं।

थायराइड समस्या का निवारण

 थायराइड में सामान्य समस्याएं बुखार, दर्द बने रहना आदि थायराइड के कारण होते हैं थायराइड के मरीजों को चिकित्सक से सलाह लेकर एंटी थायराइड गोलियों को लेना चाहिए| बिना चिकित्सक सभा के दवाइयों का सेवन करना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

थायराइड की ज्यादा सक्रिय ग्रंथि को काटकर अलग करने के लिए रेडियोएक्टिव आयोडीन दवाइयां गोली या लिक्विड दिए जाते हैं जो आयोडीन यहां दिया जाता है वह आयोडीन स्कैंन से अलग होते हैं रेडियोएक्टिव आयोडीन को लगातार इसके बाद दिया जाता है और यह आयोडीन हाइपरथाइरॉयडिज़्म के पहचान की पुष्टि करता है।

थायराइड की सर्जरी उन मरीजों को करनी चाहिए जिनको खाना निगलने में परेशानी हो रही है, प्रेग्नेंट महिला और बच्चे जो कि थायराइड की दवाइयों को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं उन मरीजों के लिए सर्जरी उपयोगी है।

 सर्जरी के द्वारा आंशिक रूप से थायराइड ग्रंथि को निकाल दिया जाता है इसमें मरीजों में सर्जरी द्वारा उसके शरीर से ऊतकों को निकाला जाता है जो कि अधिक मात्रा में थायराइड के हार्मोन पैदा करते हैं इनमें ग्रंथियां (पैराथायराइड ग्रंथि) भी प्रभावित होती है जो कि शरीर में कैल्शियम स्तर को नियंत्रित करती है।

रेडियोएक्टिव आयोडीन थायराइड की कोशिकाओं में समाप्त करते हैं इस थेरेपी से शरीर को कोई प्रतिकूल प्रभाव साइड इफेक्ट नहीं होता है इससे आज से 12 महीने में थायराइड की समस्या समाप्त हो जाती है।

  • फास्ट फूड पर नियंत्रण रखें।
  • चीनी, कॉफी ,गोभी ,ब्रोकली आदि चीजों का सेवन करें।
  • सेब का सिरका, अदरक, हल्दी, हल्दी वाला दूध, बेरीज का फल आदि का सेवन लाभदायक है|

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