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'Bhediya' Film Review: Abhishek Banerjee ने फ़िल्म की लाज बचा ली

Posted By Suyash Singh on 27 Nov 2022

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Review by : Abhinandan Kumar (Former RJ at Radio Mayur 90.8 FM)

शायर, सुहागन और भेड़िया को चाँदनी रात ही पसंद है... इंसान के लिए जो मर्डर है भेड़िया के लिए वो डिनर है... किसी की हिंदी कमजोर है, तो वो कम हिंदुस्तानी नही हो जाता... आदिवासियों के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, दुकान और भगवान सब जंगल ही है... प्रकृति है तो प्रगति है... ऐसे और कई जंगल और प्रकृति को मध्यनजर रखते हुए इंसानों की मतलबी सोच पर चोट करते Dialogue, "प्रकृति अब जंगल मे कहा है, हमारे लिए तो घर की बालकनी में लगा गमला ही प्रकृति है" ऐसे Dialogue से लेखक का भारतीय लोगों को एक संदेश पहुचाने का प्रयास, कहानी कहीं कमजोर तो कहीं मजबूत, Cinematography और Location Shoot शानदार, इतना शानदार की आपको Arunachal Pradesh से प्यार हो जाए। Comedy Elements भरपूर है, इतना है कि आप हँसते हँसते लोटपोट हो जाएंगे। VFX कई जगह बवाल है, कुछ जगह समझ के बाहर है। लेखक 'Niren Bhatt' के पास Climax के लिए कोई कहानी नही थी, निर्देशक ने अपना Best देने का प्रयास किया है।

Special Mention :- 

कहानी के पीछे लेखक का एक मुख्य उद्देश्य भारतीय लोगों के बीच जंगल और प्रकृति के महत्व को भी बताना है। कहानी हर पल कहि ना कहि अपने मजबूत संवाद से दर्शकों तक अपनी संदेश पहुचाने की कोशिश करती है। बाकी मज़ाकिया अंदाज़ में कही गयी इस फ़िल्म में इतनी बड़ी बात क्या जनता समझ पाएगी ?

Story Screenplay & Dialogue

कहानी शुरू होती है Sharad Kelkar और एक छोटी सी बच्ची के बातचीत के साथ, जहां Sharad Kelkar को एक भेड़िया मार देता है। Cut to, कहानी आगे बढ़ती है और 'भास्कर' (वरुण धवन) एक रोड बनाने के कॉन्ट्रैक्ट के साथ पहुँच जाता है Arunachal Pradesh के किसी जंगल मे। अगले दिन जंगल मे रहने वाले आदिवासियों के साथ बातचीत में ये निष्कर्ष निकल के सामने आता है कि जंगल के बीच से रोड निकालने से आदिवासी मना कर रहें है। कारण है "आदिवासियों के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, दुकान और भगवान सब जंगल ही है", जिसे सुनने के बाद कॉन्ट्रेक्टर वरुण धवन और उनके 2 साथी वहाँ से एक गाड़ी में जंगल के रास्ते घर को निकल जाते हैं। इसी बीच अंधेरी रात में जंगल मे ऐसा क्या होता है, जिसके बाद से कहानी में एक अलग रफ्तार के साथ भेड़िया की कहानी शुरू होती है ? ये जानने के लिए आपको फ़िल्म देखना होगा। भेड़िया कौन है ? भेड़िया की महत्वाकांक्षा क्या है ? क्या इस भेड़िया से खतरा है, या ये सबके भले के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहा है ? क्या जंगल के बीच से रोड निकल पाता है ? क्या भेड़िया और जंगल के बीच कोई पुराना रिश्ता है ? ये सब आपको फ़िल्म खत्म होते पता चलेगा। 

फ़िल्म का Screenplay बढ़िया लिखा गया है। कहानी कई बार कमजोर पड़ जाती है, लेकिन मजबूत पटकथा के दम पर निर्देशक ने फ़िल्म को सम्भाल लिया है। पटकथा में वो बात है जो दर्शकों को पूरी फिल्म से बांध के रखती है। 

Dialogue का ज़िक्र शुरू में भी किया गया है। फ़िल्म के Dialogue वाकई कमाल के हैं। संवाद की मदद से लेखक का लोगो की सोच पर चोट करना हो या हँसाने की बात हो, हर जगह Dialogue अपना काम कर जातें हैं। Comedy Elements इतने शानदार हैं कि ना चाहते हुए भी आपकी हँसी निकल जायेगी। 

Actor Performance :- 

Comedy Elements को फ़िल्म का आधार बनाते हुए बात करें तो 'Abhishek Banerjee' का काम कमाल का है। 'Abhishek Banerjee' जैसे कलाकार इस दौर में कम हैं। 'Deepak Dobriyal' को मसाला कम दिया गया था, जितना था उसमें उन्होंने चिकेन बनाने का पूरा प्रयास किया है। 'Sharad Kelkar' को महज 60sec के लिए फ़िल्म में जगह दिया गया था, आखिर क्यों ? पूरी फिल्म खत्म होने तक भी नही पता चलता ? 'Varun Dhawan' की Acting को क्या और कैसे परिभाषित किया जाए, इसपे कई बार सोचना पड़ जाता है। फ़िल्म में कई बार ऐसा लगा जैसे Coolie No 1 वाले किरदार से वो अभी तक निकल नही पाए हैं। हालांकि कई जगह Varun ने सोच के विपरीत काम किया है। Varun के आंखों में वो आग दिखती है, जो इस किरदार के लिए लाज़मी थी। Comedy Sceen को भी वरुण ने बखूबी निभाया है। Kriti Sanon पर बात की जाए या नही की जाए, मैं ये अभी तक निर्णय नही कर पाया हूं। बस कुछ सवाल हैं :- Kriti Sanon ने ये फ़िल्म क्यों किया ? Kriti Sanon को इस फ़िल्म में काम कर के क्या मिल गया ? बहुतेरों सवाल हैं जो एक दर्शक के रूप में आपके मन मे आएगा। बाकी और भी कलाकार हैं जिन्हें अच्छा निर्देशन मिला है।

Direction & Technical Aspects :- 

फ़िल्म का निर्देशन किया है 'Amar Kaushik' ने। बतौर निर्देशक 'Amar Kaushik' ने अपना पूरा बल इस फ़िल्म को दिया है। मजबूत पटकथा मिल जाने से निर्देशक का काम भी थोड़ा आसान जरूर रहा होगा। बाकी VFX को अच्छे रूप से दिखाने में निर्देशक सफल रहे हैं। 

Jishnu Bhattacharjee की Cinematography और Location Shoot शानदार है, इतना शानदार की आपको Arunachal Pradesh और वहाँ के जंगलों से प्यार हो जाएगा।

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